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गुजरात में कोरोना का कहर, श्मशान में पहुंच रहे क्षमता से दो गुना ज्यादा शव।

गुजरात: अहमदाबाद में बढ़ रहा कोरोना ...

गुजरात में कोरोना का कहर, श्मशान में पहुंच रहे क्षमता से दो गुना ज्यादा शव।

गुजरात में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से 38 लोगों की मौत हुई है. अहमदाबाद के श्मशान में कोरोना वायरस से मरने वालों के शवों के अंतिम संस्कार के लिए परिवार के कुछ सदस्य ही जा रहे हैं. कोरोना मरीजों के शवों को अस्पताल से सीधे श्मशान पहुंचाया जा रहा है और मृतक के परिवार के दो-चार सदस्य अंतिम संस्कार में शामिल हो रहे हैं।

गुजरात में कोरोना मरीजों की तादाद में जितनी तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है, उतनी ही तेजी से कोरोना से होने वाली मौतों में भी बढ़ोतरी हो रही है. इसके चलते अहमदाबाद के श्मशान में इन दिनों क्षमता से दोगुने संख्या में शवों के अंतिम संस्कार किए जा रहे हैं. गुजरात में कोरोना वायरस से मरने वालों का आंकड़ा 1385 तक पहुंच चुका है।

सूबे में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से 38 लोगों की मौत हुई है. अहमदाबाद के श्मशान घाटों में कोरोना वायरस से मरने वालों के शवों के अंतिम संस्कार के लिए परिवार के कुछ सदस्य ही जा रहे हैं. कोरोना मरीजों के शवों को अस्पताल से सीधे श्मशान घाट पहुंचाया जा रहा है और मृतक के परिवार के दो-चार सदस्य अंतिम संस्कार में शामिल हो रहे हैं।

इस दौरान कोरोना मरीज के पार्थिव शरीर को न छूने दिया जा रहा है और न ही उसके अंतिम संस्कार की पूरी क्रिया करने दी जा रही है. पार्थिव शरीर को अस्पताल में सीधा लेकर श्मशान पहुंचे परिवार के एक सदस्य ने बताया कि मृतक का अंतिम संस्कार तो कर रहे हैं, लेकिन कोरोना वायरस के खतरे की वजह से अपने स्वजन को छूने तक का मौका नहीं मिल रहा है।

अहमदाबाद के श्मशान गृह के इंचार्ज जितेन्द्र मकवाना का कहना है कि अहमदाबाद के वीएस श्मशान गृह में अब 25 से 30 शव रोज लाए जा रहे हैं. यहां पहले 10 से 12 पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए लाए जाते थे. इस तरह श्मशान में रोजोना क्षमता से दोगुने से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है।

मकवाना ने बताया कि यहां सभी चीजों को अलग से सैनिटाइज किया जाता है, जिसके बाद ही अंतिम क्रिया की जाती है. यहां पर कोरोना मरीजों के शवों के अंतिम संस्कार के लिए भी अलग से व्यवस्था की गई है और इलेक्ट्रॉनिक मशीन से अंतिम संस्कार किया जा रहा है. हालांकि कोरोना मरीजों से इतर अन्य लोगों के शवों का अंतिम संस्कार लकड़ी और पारंपरिक तरीके से किया जाता है।

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