गुंजन सक्सेना- द कारगिल गर्ल अब नहीं होगी सिनेमाघरों में रिलीज !
गुंजन सक्सेना- द कारगिल गर्ल अब नहीं होगी सिनेमाघरों में रिलीज !
गुंजन सक्सेना- द कारगिल गर्ल, कारगिल युद्ध के समय उड़ान भरने वाली पहली महिला पायलट की है बायोपिक !
फिल्म निर्माता करण जौहर की फिल्म 'Gunjan Saxena - The Kargil Girl' भी अब सिनेमाघरों में रिलीज नहीं होगी। इस बात की आशंका महीने भर पहले से ही थी कि इस फिल्म को सबसे पहले Over The Top पर रिलीज किया जा सकता है लेकिन, तब करण जौहर ने एक ट्वीट करके मीडिया से अनुरोध किया था कि किसी भी फिल्म को लेकर अनुमान न लगाए जाएं। अब खुद करण जौहर के प्रोडक्शन हाउस धर्मा प्रोडक्शंस ने इस खबर को सच मान लिया है। प्राइम वीडियो पर अमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना की फिल्म गुलाबो सिताबो' के रिलीज होने के एलान के बाद से ही प्रतीक्षा को जा रही थी कि जल्दी ही अक्षय कुमार की फिल्म "लक्ष्मी बॉम्ब"' और जाह्नवी कपूर की फिल्म 'गुंजन सक्सेना' के Over The Top पर रिलीज होने की आधिकारिक घोषणा हो सकती है। मंगलवार को करण जौहर की कंपनी ने 'गुंजन सक्सेना- द कारगिल गर्ल' के सीधे Over The Top पर रिलीज होने का एलान किया। यह फिल्म अब OTT (ओवर द टॉप) प्लेटफॉर्म पर रिलीज होगी। फिल्म की रिलीज की तारीख अभी नहीं बताई गई है। गुंजन सक्सेना, इसी नाम की एयरफोर्स पायलट की बायोपिक है, जिन्होंने युद्ध के समय उड़ाने भरने वाली पहली महिला पायलट होने का गौरव हासिल किया है।
कारगिल युद्ध के दौरान गुंजन सक्सेना ने दिया था अदम्य साहस का परिचय !
गुंजन सक्सेना ने अपनी बहादुरी का परिचय देते हुए कारगिल युद्ध में अपनी सेवाएं दी थीं। अकेले काम करते हुए एयरफोर्स के जवानों से तालमेल बिठाना उनके लिए थोड़ा चैलेंजिंग था, लेकिन उन्होंने हर काम पूरी तरह से फोकस बना कर किया। कारगिल, तोलोलिंग और बटालिक जैसे इलाकों में भीषण युद्ध के बीच गुंजन निर्भीक तरीके से उड़ान भरती थीं और इन इलाकों में चल रहे हालात के बारे में भी निरंतर ब्रीफिंग देती थीं। इस दौरान अपनी जान की परवाह ना करते हुए उन्होंने सौंपे गए सभी मुश्किल टास्क को अंजाम दिया। देश की सेवा के लिए समर्पित रहने वाली गुंजन सक्सेना के इसी प्रभावशाली किरदार को जाह्नवी कपूर ने सिल्वर स्क्रीन पर उतारा है फिल्म 'गुंजन सक्सेना द करगिल गर्ल' में। गुंजन सक्सेना कारगिल युद्ध में अकेली ऐसी महिला थीं, जिन्होंने चीता हेलिकॉप्टर उड़ाया था और युद्ध में घायल हुए जवानों तक मदद पहुंचाई थी। युद्ध के दौरान लंबे समय तक उनकी परिवार से बात नहीं हुई थी, लेकिन देश के लिए अपना फर्ज निभाते हुए लगातार हो रही गोलाबारी के बीच अपनी सेवाएं दीं।
कोई टिप्पणी नहीं
Thank You for visiting - Khabar72.com Please leave a comment about this post.