INS विक्रांत पर लगे कंप्यूटर हार्डवेयर चोरी मामले में NIA ने दो लोगों को किया गिरफ्तार।
केरल के कोचीन शिपयार्ड से चोरी के लगभग आठ महीने बाद बुधवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बिहार और राजस्थान से दो लोगों को गिरफ्तार किया है. मालूम हो कि इसी शिपयार्ड में देश का पहला स्वदेशी विमान वाहक जहाज INS विक्रांत (INS Vikrant) अंडर कंस्ट्रक्शन में है. NIA के प्रवक्ता ने बताया कि एजेंसी ने बिहार के मुंगेर जिले के रहने वाले 23 वर्षीय सुमित कुमार सिंह और राजस्थान के हनुमानगढ़ के रहने वाले 22 वर्षीय दया राम को गिरफ्तार किया है।
उन्होंने बताया कि कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में निर्माणाधीन स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर (IAC) से कंप्यूटर हार्डवेयर कंपोनेंट्स की चोरी में ये दोनों कथित रूप से शामिल थे. जहाज पर पिछले साल सितंबर में चोरी की सूचना मिली थी. NIA अधिकारियों के मुताबिक पिछले साल सितंबर में चार कंप्यूटरों को डिसमेंटल कर दिया गया था और हार्ड डिस्क, RAM और प्रोसेसर IAC से चुरा लिए गए थे।
जहाज से ये सामान हुआ था चोरी।
चुराए गए सामानों में जहाज पर लगे मल्टी-फंक्शनल कंसोल (MFCs) से पांच माइक्रो-प्रोसेसर, 10 RAM, पांच सॉलिड स्टेट ड्राइव (SSDs) शामिल थे. MFCs प्रोजेक्ट के इंटीग्रेटेड प्लेटफ़ॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम (IPMS) का हिस्सा होता है. IMPS एक कम्प्यूटराइज्ड सिस्टम है जिसका उपयोग जहाज के कामकाज और कोर्स की निगरानी करने और सुरक्षा जोखिमों के खिलाफ चेतावनी देने के लिए जहाजों पर किया जाता है।
केरल पुलिस से मामला गया NIA के पास।
NIA के प्रवक्ता ने बताया कि बुधवार को बिहार, राजस्थान और गुजरात में कई छापेमारी के दौरान, कुछ चुराए गए इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और सामग्री बरामद की गई. यह मामला पहली बार केरल पुलिस ने कोचिन शिपयार्ड अथॉरिटी की शिकायत पर दर्ज किया गया था, उन्होंने बताया था कि IAC पर लगे कुछ जरूरी इलेक्रटॉनिक कंपोनेंट्स की चोरी हो गई है. इसके बाद पिछले साल 26 सितंबर को IPC की कुछ धाराओं और IT एक्ट के तहत ये मामला NIA के पास चला गया।
NIA ने किया जानकारी देने वाले को 5 लाख रुपए देने का ऐलान।
NIA ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर इस मामले की पड़ताल की थी, क्योंकि चोरी किए गए हार्ड डिस्क में संवेदनशील जानकारी स्टोर की गई थी. NIA के प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने इस केस की विस्तृत जांच की और पांच हजार से अधिक व्यक्तियों के उंगलियों के निशान और हथेली के निशान का विश्लेषण किया, जिन्होंने उस दौरान IAC प्रोजेक्ट के लिए काम किया था. बड़ी संख्या में गवाहों की भी जांच की गई. NIA ने इस साल मार्च में चोरी से जुड़े मामले के बारे में जानकारी देने वाले को 5 लाख रुपए इनाम देने की घोषणा भी की थी।
देश का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत है INS विक्रांत।
INS विक्रांत भारतीय नौसेना (Indian Navy) का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत है. जहाज के डिजाइन पर काम 1999 में शुरू हुआ था और फरवरी 2009 में इसपर काम शुरू हुआ. 2019 तक उम्मीद जताई जा रही थी कि जहाज का फरवरी 2021 से समुद्री ट्राइल शुरू हो जाएगा और 2023 तक ये सेवा में लिया जा सकेगा. इस परियोजना की लागत लगभग 20,000 करोड़ रुपए हैं. INS विक्रांत के पूरा होने के साथ ही भारत विमानवाहक के निर्माण करने वाले अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और चीन जैसे देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा।
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