शिक्षक भर्ती मामले में Supreme Court का आदेश- 69 हजार में से 37339 पदों को होल्ड करे UP सरकार।
69000 सहायक शिक्षक भर्ती: सर्वोच्च न्यायालय से यूपी सरकार को मिला 37339 पदों को होल्ड करने का आदेश, मामले की अग्रिम सुनवाई 14 जुलाई 2020 को तय !
गत तीन जून को लखनऊ हाईकोर्ट बेंच के न्यायमूर्ति आलोक माथुर ने प्रदेश में 69000 बेसिक शिक्षकों की भर्ती संबंधी प्रक्रिया पर लगा दी थी रोक !
उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 69000 शिक्षकों की भर्ती का मामला योगी आदित्यनाथ सरकार के गले की फांस बन गया है। भर्ती परीक्षा का विरोध कर रहे शिक्षा मित्रों को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को 69000 में से 37339 पदों पर भर्ती न करने का निर्देश दिया है। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी।
उत्तर प्रदेश सरकार के लिए सिरदर्द बनी 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती परीक्षा में नकल के आरोप लगे हुए थे। इसके साथ ही इलाहाबाद हाई कोर्ट तथा लखनऊ हाईकोर्ट बेंच के निर्देश के बीच अब सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। प्रदेश के लाखों शिक्षकों की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने योगी आदित्यनाथ सरकार को 69000 में से 37339 पदों पर भर्ती न करने का निर्देश दिया है। 69000 पदों की भर्ती की काउंसिंलिंग शुरू होने के बाद लखनऊ खंडपीठ ने भर्ती प्रक्रिया को रोक दिया था, अब शीर्ष अदालत का नया आदेश आया है।
ये है पूरा मामला !
लिखित परीक्षा के डेढ़ साल बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सरकार के कट ऑफ मार्क्स के फैसले को सही ठहराया था। कोर्ट ने 65 और 60 फीसदी अंक के साथ रिजल्ट घोषित करने का निर्देश दिया था। जबकि शिक्षा मित्रों की मांग थी कि भर्ती के लिए विज्ञप्ति के वक्त कट ऑफ मार्क्स का जिक्र नहीं किया गया था। लिहाजा चयन 45 और 40 फ़ीसदी अंक के आधार पर ही होना चाहिए। आपको बता दें कि इस परीक्षा में 8018 शिक्षामित्र ही पास हुए हैं। लिखित परीक्षा के नतीजे जारी होते ही उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र एसोसिएशन ने 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। वकील गौरव यादव की ओर से दायर इस याचिका में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने या उसे रद्द करने की मांग की थी।
गौरतलब है कि न्यायमूर्ति आलोक माथुर ने गत तीन जून को प्रदेश में 69000 बेसिक शिक्षकों की भर्ती संबंधी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट की न्यायाधीश अलोक माथुर की बेंच ने 3 जून को 69000 भर्ती की चयन प्रक्रिया पर रोक यह कहते हुए लगा दी थी कि कि परीक्षा के दौरान पूछे गए कुछ प्रश्न गलत थे लिहाजा केंद्रीय अनुदान आयोग द्वारा इसकी फिर से पड़ताल किए जाने की जरूरत है। इस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक विशेष याचिका दायर कर राज्य में 69000 बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया रोके जाने के फैसले को चुनौती दी है।
मामले में कब क्या हुआ !
1 दिसम्बर, 2018 को जारी हुआ 69000 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा का आदेश-6 जनवरी 2019 को लिखित परीक्षा हुई -7 जनवरी, 2019 को आर्हता अंक तय हुए - 600 से ज्यादा याचिकाएं दायर-30 मार्च, 2020 को हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा- 6 मई को हाईकोर्ट ने 60/65 कटऑफ अंक के पक्ष में फैसला सुनाया- 12 मई को लिखित परीक्षा का रिजल्ट जारी-13 मई को शिक्षक भर्ती के लिए समयसारिणी जारी-18 मई से लिए जा गए शिक्षक भर्ती के आवेदन- 3 जून से शुरू हुई काउंसिलिंग लेकिन हाईकोर्ट ने लगाई रोक !
कोई टिप्पणी नहीं
Thank You for visiting - Khabar72.com Please leave a comment about this post.