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टीचर ने साली को 100 में से 91वें नंबर देकर कराया टॉप, 3 साल के लिए किया गया डिबार।

टीचर ने साली को 100 में से 91वें नंबर देकर कराया टॉप, 3 साल के लिए किया गया डिबार।
टीचर ने साली को 100 में से 91वें नंबर देकर कराया टॉप, 3 साल के लिए किया गया डिबार।

उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित बुंदेलखंड विश्वविद्यालय (बुंविवि) में पद का दुरुपयोग करते हुए अपनी साली को टॉप कराने वाले कंप्यूटर साइंस के विभागाध्यक्ष को तीन साल के लिए डिबार कर दिया गया है। विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस के विभागाध्यक्ष डॉ विक्रम निरंजन ने उन्हीं के विभाग में अध्ययनरत अपनी साली को परीक्षा में अनुचित सहायता देते हुए न केवल पेपर स्वयं तैयार किया बल्कि उसके पेपर का मूल्यांकन भी स्वयं ही किया और साली को 100 में से 91वें नंबर देकर टॉप भी करा दिया।

परीक्षा नियंत्रक अजयकृष्ण यादव ने गुरुवार को बताया कि मामले के संज्ञान मे आते ही कुलपति जे वी वैषम्पायन ने जांच समिति का गठन किया। समिति ने जांच के बाद रिपोर्ट कुलपति को सौंपी। जांच रिपोर्ट में डॉ़ निरंजन को परीक्षा आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी पाया गया और कुलपति ने डॉ़ निरंजन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उनको तीन साल के लिए परीक्षा संबंधी सभी कार्यों से अलग कर दिया गया है।

डॉ निरंजन के खिलाफ शिकायत पर की गई जांच में सभी आरोप सही साबित हुए। उत्तर पुस्तिका के पुनमूर्ल्यांकन में भी यह बात साबित हुई। नियमानुसार अगर किसी प्रोफेसर का कोई निकट संबंधी छात्र है तो प्रोफेसर प्रश्नपत्र तैयार नहीं कर सकता न ही उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन कर सकता है।

बुंविवि में समय पर शिक्षक की गरिमा को शर्मसार करने वाली घटनाएं सामने आती रहतीं हैं और इस नये मामले ने यहां उच्च शिक्षा में बड़े पैमाने पर अव्यवस्थाओं की पोल खोल दी है।

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