भारत-चीन के बीच उच्च सैन्य अधिकारियों की बैठक खत्म, यहां जाने बैठक का निष्कर्ष !
बैठक की जानकारी विदेश मंत्रालय और शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व को अवगत कराये जाने के बाद बनेगी आगे की रणनीति, बातचीत के सभी विकल्प खुले !
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में भारत चीन के बीच सीमा पर जारी तनाव को खत्म करने के लिए शनिवार को दोनों देशों की सेनाओं के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर पर बातचीत हुई। दोनों पक्षों के बीच यह बातचीत पूर्वी लद्दाख में चीन की साइड में लाइन ऑफ ऐक्चुअल कंट्रोल पर माल्डो में हुई जहां बॉर्डर पर्सनेल मीटिंग होती है।
भारतीय सेना के मुताबिक अब बातचीत खत्म होने के बाद 14 कॉर्प्स के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल लेह वापस लौट रहा है। उम्मीद की जा रही है कि इतने बड़े स्तर पर बातचीत से सीमा पर जारी गतिरोध खत्म होगा।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, सीमा पर जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए दोनों देशों के बीच यह पहली बड़ी कोशिश थी। दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बातचीत का सिलसिला अभी जारी रहेगा। भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के बीच हुई इस बैठक में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अप्रैल की यथा स्थिति बरकरार रखने सहित विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया।
लेह स्थित 14 वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिन्दर सिंह के नेतृत्व में गये इस शिष्टमंडल में सेना के करीब 10 अधिकारी थे। शिष्टमंडल शीर्ष नेतृत्व को आज की बातचीत और गतिरोध को दूर करने संबंधी प्रगति के बारे में अवगत करायेगा। सूत्रों ने यह भी कहा है कि भारत ने बैठक के दौरान चीन से इस क्षेत्र में अप्रैल की यथा स्थिति बरकरार रखने की मांग की है।
बातचीत में चीन की और दक्षिण शियांग सैन्य डिविजन कोर के कमांडर मेजर जनरल लिन ने चीनी शिष्टमंडल का नेतृत्व किया। दोनों पक्षों के बीच अपह्वान लगभग साढे ग्यारह बजे शुरू हुई बैठक शाम तक चली और इस दौरान वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पिछले एक महीने के घटनाक्रम पर बिन्दुवार चर्चा की गयी।
इस दौरान भारत की ओर से वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिरता तथा शांति बनाये रखने से संबंधित विभिन्न समझौतों का उल्लेख किया गया। सूत्रों ने कहा है कि सेना का शीर्ष नेतृत्व बैठक की जानकारी हासिल करने के बाद विदेश मंत्रालय और शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व को इससे अवगत करायेगा जिसके बाद आगे की रणनीति बनायी जायेगी।
पहले भी हुए हैं बातचीत के प्रयास लेकिन नहीं निकला कोई निष्कर्ष!
शनिवार को दोनों देशों की तरफ से हुई लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत से पहले स्थानीय कमांडरों के स्तर पर दोनों सेनाओं के बीच 12 राउंड बातचीत हो चुकी है। इसके अलावा 3 मेजर जनरल स्तर की भी बातचीत हो चुकी है। सूत्रों ने बताया कि कई दौर की बातचीत में कोई हल नहीं निकलने के बाद इतने बड़े स्तर पर बातचीत का फैसला हुआ। एक दिन पहले ही दोनों देशों के बीच हुई कूटनीतिक बातचीत में दोनों ही पक्ष एक दूसरे की संवेदनशीलताओं और चिंताओं का सम्मान करते हुए शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए अपने 'मतभेदों' को खत्म करने पर सहमति जताई थी। इससे पहले सूत्रों ने यह भी बताया था कि बातचीत के दौरान भारतीय प्रतिनिमंडल पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी, पैंगोंग सो और गोगरा में पहले की स्थिति बहाल करने की सख्ती से मांग करेगा। क्षेत्र में चीनी सैनिकों की बड़ी तादाद में तैनाती का विरोध करने के साथ-साथ भारतीय इलाकों में भारत द्वारा इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण का विरोध नहीं करने को कहेगा।
बातचीत के सभी विकल्प खुले !
भारतीय सेना के सूत्रों के मुताबिक दोनों देशों के बीच बातचीत के सभी विकल्प खुले हैं। दोनों देश एक दूसरे से सभी स्तर पर बातचीत को तैयार हैं। भारतीय सेना के प्रवक्ता ने कहा है कि सीमा पर जारी मौजूदा स्थिति को लेकर भारत और चीन के अधिकारियों के बीच स्थापित सैन्य और डिप्लोमैटिक चैनलों के जरिए बातचीत जारी रहेगी। गौरतलब हो कि दोनों देशों के बीच पिछले महीने की शुरुआत में गतिरोध की शुरुआत हुई थी। उसके बाद भारत ने फैसला किया कि पैंगोंग सो, गलवान वैली, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी जैसे सभी विवादत जगहों पर चीन की आक्रामकता से निपटने के लिए भारतीय सैनिक मजबूत रुख अपनाएंगे।
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