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Bank Loan: लोन वसूली के लिए धमकाया तो बैंक पर होगी कार्यवाई - आरबीआई।

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सांकेतिक चित्र

Bank Loan: लोन वसूली के लिए धमकाया तो बैंक पर होगी कार्यवाई - आरबीआई।


नई दिल्ली : कई बार बैंकों ( BANK ) के नाम पर रिकवरी एजेंट लोन ( LOAN ) लेने वालों को परेशान करते हैं और धमकाते हैं। ऐसी घटनाएं भी सामने आती हैं। जब लोन लेने वाले किसी वजह से समय पर किस्त नहीं भर पाते। तो ऐसी घटनाएं भी सामने आती हैं, रिकवरी एजेंट कार लोन ( CAR LOAN ) लेने वाले की गाड़ी भी उठा लेते हैं।




बतादें कि भारतीय रिज़र्व बैंक ( RBI ) ने कर्ज वसूली एजेंटों द्वारा कर्ज वसूली के लिए किये जाने वाले अनुचित व्यवहारों पर नकेल कस दी है। और उधारी देने वाली सभी संस्थाओं को साफ़ तौर पर कहा है कि संस्थाएं यह सुनिश्चित करें कि किसी भी हाल में वसूली एजेंट कर्ज लेने वालों को परेशान न करें।



एजेंटों के खिलाफ लगातार मिल रही शिकायतों के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक नेयह अधिसूचना जारी की है। यह अधिसूचना उन सभी संस्थाओं पर लागू होंगी, जो ( RBI ) के दायरे में आएँगी। भारतीय रिज़र्व बैंक ने कहा कि किसी भी हाल में रिकवरी एजेंट लोन लेने वालों को धमकाएं नहीं।



जब बैंक से लोन लिया जाता है तो बैंक और ग्राहक के बीच आर्बिट्रेशन ऐक्ट के तहत भी करार होता है कि उसकी धारा-9 के तहत किसी विवाद की स्थिति में मामला आर्बिट्रेटर के सामने जाएगा। ऐसी स्थिति में अगर किसी की किस्त का पेमेंट नहीं होता है तो बैंक या लोन देनदार संस्थान को अधिकार है कि वह आर्बिट्रेशन में मामला ले जाए और कॉम्पिटेंट अथॉरिटी के आदेश के तहत कानूनी कार्रवाई करे। साथ ही भुगतान न होने की स्थिति में बैंक व वित्तीय संस्थान रिकवरी के लिए सिविल कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।



बैंक और रिकवरी एजेंट के लिए आरबीआई ने गाइडलाइंस भी जारी कर रखी है। इसके तहत अगर कोई भी बैंक किसी रिकवरी एजेंट की नियुक्ति करता है तो उसके पीछे मकसद यह होता है कि वह ग्राहक को किस्त देने के लिए मनाए। लेकिन किसी ग्राहक को फोन पर या सामने आकर धमकी नहीं दे सकते। इसके अलावा वह एजेंट ग्राहक के रिश्तेदार या दोस्त या पड़ोसी को भी फोन नहीं कर सकता। अगर वह धमकाए तो शिकायत संबंधित थाने में या फिर आरबीआई में की जा सकती है।



नियम के मुताबिक बैंक जिन्हें रिकवरी एजेंट बनाते हैं उनके बारे में जानकारी ग्राहक को भी दी जानी चाहिए। साथ ही रिकवरी एजेंट के फोन नंबर आदि की डिटेल भी ग्राहक को दी जाती है। जिससे उस नंबर पर ग्राहक बात कर सके। रिकवरी के सिलसिले में एजेंट ग्राहक के बताए समय और स्थान पर ही आ सकता है। साथ ही तय समय सीमा में ही वह फोन कर सकता है। रिकवरी एजेंट को अपने साथ आईकार्ड और अथॉरिटी लेटर लाना होता है। अगर एजेंट को पेमेंट करने की बात हो तो भी ग्राहक को ऑनलाइन या फिर चेक से पेमेंट करनी चाहिए। साथ ही अगर किसी बैंक या फाइनैंस संस्थान ( FINANCIAL INSTITUTE ) में लोन अमाउंट चुका दिया गया हो तो उसका नो ड्यूज क्लियरेंस सर्टिफिकेट जरूर लें।


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